गढ़चिरौली:महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से गढ़चिरौली जिले के कोरची तालुका में झेंडेपार पहाड़ी पर प्रस्तावित लौह खदानों के लिए सार्वजनिक सुनवाई आज कलेक्टर कार्यालय के नियोजन भवन में आयोजित की गई।
प्रारंभ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने संबंधित खनन कंपनियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को पढ़ा और जानकारी दी। इसके बाद उपस्थित नागरिकों की आपत्तियां दर्ज की गईं।
इस सुनवाई के दौरान कांग्रेस पार्टी की भूमिका स्थानीय गरीब नागरिकों को स्थाई रोजगार मुहैया कराना है. साथ ही प्रभावित गांवों में सुविधाएं और सेवाएं मुहैया कराना, सड़कों की मरम्मत कराना भी परियोजना की जिम्मेदारी है.आदिवासियों के धार्मिक स्थल होंगे, आदिवासियों के प्राकृतिक मानव निर्मित प्राचीन स्थल होंगे, इससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. महाराष्ट्र पर्यावरण एवं वन विभाग के विशेष नियम एवं शर्तों तथा सामान्य नियम एवं शर्तों को पूरा करने के साथ-साथ रोजगार की गारंटी और प्रदूषण को नियंत्रित करने के बाद ही परियोजना खदान मालिकों को सरकार को गारंटी पत्र देना चाहिए। और सरकार को इसे सटीक तरीके से लागू करना चाहिए. परियोजना का सीएसआर फंड वास्तव में प्रत्येक प्रभावित ग्राम सभा को दिया जाना चाहिए। क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार की गारंटी देकर जनहित के निर्णय लिये जायें। इस परियोजना में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर क्या सावधानी बरती जाएगी। इन सब पर विचार करने के लिए महाराष्ट्र प्रदेश आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डाॅ. नामदेव उसेंडी भी इस जनसुनवाई में शामिल हुए थे. इस संबंध में उसेंडी द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर कलेक्टर संजय मीना सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।