उपजाऊ भूमि को सस्ते दामों पर पूंजीपतियों के गले उतारने का प्रयास…विजय वडेट्टीवार।

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गढ़चिरौली: गढ़चिरौली जिले में खनिज का अपार भंडार है। सरकार इन भंडारों को खत्म करके और इन्हें जिंदल जैसी कंपनियों को सौंपकर किसानों को देश से भागने पर मजबूर करने जा रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखा आरोप लगाया कि यह सरकार औद्योगिक क्रांति के नाम पर गढ़चिरौली जिले में केवल लूटपाट कर रही है। सरकार को भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों को प्रति हेक्टेयर कम से कम एक करोड़ रुपये का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्यथा कांग्रेस इसके खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ेगी।

 

वडेट्टीवार आज शहर के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस बार सांसद डॉ. नामदेव किरसान, विधायक रामदास मसराम, कांग्रेस जिला अध्यक्ष महेंद्र ब्राह्मणवाड़े, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष एड. कविता मोहरकर, मनोहर पाटिल पोरेटी, शहर अध्यक्ष सतीश विधाते, विश्वजीत कोवासे, एड. रामभाऊ मेश्राम एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

वडेट्टीवार ने आगे कहा कि यह नहीं माना जाना चाहिए कि राज्य सरकार में शामिल तीनों दलों का गढ़चिरौली पर एक जैसा ध्यान है। इसका मुख्य कारण जिले में भारी मात्रा में लौह अयस्क का भंडार तथा भ्रष्ट तरीकों से उससे प्राप्त अवैध धन है। सरकार का गढ़चिरौली के वास्तविक विकास से कोई लेना-देना नहीं है।

 

सरकार ने जिंदल स्टील कंपनी के कारखाने के लिए वड़सा तालुका में 9,000 हेक्टेयर पर एमआईडीसी बनाने के लिए वड़सा, नैनपुर, कुरुड, कोंढाला, वडेगांव, कोकड़ी आदि गांवों के किसानों से उपजाऊ जमीन अधिग्रहित करने की साजिश शुरू कर दी है। जिंदल इंडस्ट्रीज समूह देसाईगंज तालुका में एक इस्पात उद्योग स्थापित करेगा और कुल 2,303 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगा, जिसमें 2,128 हेक्टेयर निजी भूमि और 174 हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल है। यह निजी भूमि किसानों की है और इटिया दोह परियोजना के कारण सिंचाई के अंतर्गत आ गई है। हालाँकि, जिंदल समूह इस जमीन को सस्ते दाम पर खरीदेगा। नई दर के अनुसार, कृषि भूमि की कीमत कम से कम चार गुना मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इन किसानों को प्रति एकड़ लगभग 12 लाख रुपये की धनराशि वापस करने का प्रस्ताव है। इतनी छोटी राशि किसानों के लिए विनाशकारी साबित होगी। इसलिए उन्होंने मांग की कि इन किसानों को कम से कम हर दो एकड़ पर एक नौकरी के साथ प्रति हेक्टेयर एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए । वडेट्टीवार ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।

 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि गढ़चिरौली को स्टील हब बनना चाहिए। लेकिन किसानों को बर्बाद करके नहीं। सरकार की तिकड़ी ने गढ़चिरौली को स्टील हब बनाने के लिए एक खनन निगम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग के नाम पर महाराष्ट्र में सत्तासीन गिरोह बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर गढ़चिरौली जिले को लूटने का प्रयास कर रहा हैं।

 

वास्तव में, जेएसडब्ल्यू को एटापल्ली तालुका में 2,000 हेक्टेयर की खदान की लीज अवधि समाप्त होने के बाद सरकार को खुले तौर पर नीलामी करानी थी। हालाँकि, सत्तारूढ़ पार्टीयो के बीच अपने लाभ के लिए माइनिंग का ओपन ऑक्शन करने के बजाय पुराने रेट के हिसाब से ही खनन को मंजूरी देने के बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा हैं।

वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होगा और सरकार में शामिल इन तीनों पार्टियोंके तिकड़ी को इस पूंजीपति के माध्यम से अपनी पार्टी के लिए कम से कम प्रति माह 500 करोड़ रुपये का फायदा उठाकर सरकारी राजस्व को बड़ी मात्रा मे चुना लगाया जायेगा।

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