गढ़चिरौली: मुख्य मध्यस्थता केंद्र, उच्च न्यायालय, मुंबई द्वारा सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम और मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम और कानूनी स्वयंसेवकों के बुनियादी कानून/कानूनी स्वयंसेवकों/स्वयंसेवकों के कार्यों और कर्तव्यों पर एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। तदनुसार, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, गढ़चिरौली द्वारा 07/12/2024 को दोपहर 02.00 बजे कानूनी सेवा सदन भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
उक्त कार्यक्रम में, अध्यक्ष के रूप में जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश, वसंत कुलकर्णी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में जिला अधिवक्ता संघ, गढ़चिरौली के अध्यक्ष किशोर आखाड़े भी उपस्थित थे। इसी दौरान कार्यक्रम के आयोजकतथा विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आर. आर. पाटिल भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत से आर. आर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गढ़चिरौली के सचिव पाटिल ने कानूनी स्वयंसेवकों/स्वयंसेवकों को बुनियादी कानून के बारे में समझाया और समाज के जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करने वालों को गहन मार्गदर्शन भी दिया कि कानूनी स्वयंसेवक/स्वयंसेवक किस प्रकार समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। अपने काम और कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए आम लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखें।
इस अवसर पर जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष और मुख्य जिला और सत्र न्यायाधीश, वसंत कुलकर्णी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित लोगों को विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से कैसे निपटाया जाए, मध्यस्थता कैसे दोनों पार्टियों के लोगो को संतुष्टि दिलाती है, विवादित विषय में मध्यस्थता समय और पैसा कैसे बचाती है, इस पर बहुमूल्य मार्गदर्शन दिया।
उक्त कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों, क्रेडिट संस्थानों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, न्यायालय पक्षकारों, कानूनी स्वयंसेवकों और अधिवक्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
विधिक शिक्षा शिविर का संचालन एवं आभार जे. एम. भोयर, कनिष्ठ लिपिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गढ़चिरौली ने माना ।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गढ़चिरौली के सभी कर्मचारियों ने अथक परिश्रम किया।