लॉयड्स मेटल्स ने लाई आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए जीवन में नई बहार…

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शुक्रवार को विवाहबंधन में बंधे आत्मसमर्पित नक्सलियों में से आधे एलएमईएल द्वारा नियुक्त कुल 65 ऐसे व्यक्तियों में से हैं।

 महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी की सराहना।

गढ़चिरौली:

लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) न केवल गढ़चिरौली जिले को हरा-भरा बना रहा है और ‘ग्रीन स्टील’ के भारतीय सपने को साकार करने पर काम कर रहा है, बल्कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के जीवन में खुशी का सूचकांक भी बढ़ा रहा है। गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय के पांडु आलाम सभागृह में शुक्रवार को गढ़चिरौली पुलिस के ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के तहत जिन आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की शादी हुई, उनमें से आधे से ज्यादा उन 65 आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल हैं जिन्हें एलएमईएल में रोजगार दिया गया है।

ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह के दौरान, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और गढ़चिरौली जिले के सह-पालकमंत्री मंत्री माननीय अधि. आशीष जयस्वाल की उपस्थिति में विवाह सूत्र में बंधे। एलएमईएल ने नवपरिणीत जोड़ों को ‘मंगलसूत्र’ तथा गृहोपयोगी वस्तुएं देने के साथ-साथ उनकी शादी की व्यवस्था भी की। यह एलएमईएल के मुख्य संचालन मूल्य – लोगों का सशक्तिकरण – के अनुरूप था।

महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इसकी सराहना की है। गढ़चिरौली में आयोजित सी-60 जवानों के सम्मान समारोह में बोलते हुए श्री फडणवीस ने कहा, “मैं लॉयड्स मेटल्स को बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रशिक्षण दिया और उन्हें रोजगार मुहैया कराया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। एक तरफ महाराष्ट्र सरकार के पास नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर नीति है, तो दूसरी तरफ लॉयड्स जैसे उद्योग उनके पुनर्वास में योगदान दे रहे हैं। भविष्य में हम गढ़चिरौली जिले को स्टील हब के साथ-साथ रोजगार संपन्न जिला भी बनाना चाहते हैं।”

एलएमईएल के प्रबंध निदेशक श्री बी. प्रभाकरन ने कहा, “समान अवसर प्रदान करने वाले नियोक्ता के रूप में, एलएमईएलने गढ़चिरौली जिले में कंपनी में विभिन्न पदों पर काम कर रहे 65 आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार दिया है। एलएमईएल पूर्वी महाराष्ट्र में प्रमुख परिवर्तनकारी परियोजना खड़ी कर रहा हैं। एलएमईएल ने इन आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के जीवन में एक नया सवेरा लाया है। हम उनकी खुशी में शामिल हैं। श्री बी. प्रभाकरन भव्य समग्र विकासात्मक दृष्टिकोण और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पितासमान ममता रखते हैं। इसी वजह से कंपनी ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विवाह समारोह को पूर्ण समर्थन दिया।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से एक, असिन को अभी भी नक्सली जीवन के दौरान सामना की गई अनिश्चितताए और चिंताए याद है। उनके जैसे अन्य लोग हैं जिनके अतीत की व्यक्तिगत कहानियों में अलग-अलग रंग हो सकते हैं। लेकिन, अब उनके लिए जो मायने रखता है वह वर्तमान है जो न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए उज्ज्वल भविष्य के सपने बुन रहा हैं। विवाह समारोह में उनके चेहरों पर मुस्कान में यह बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। यह सब उनके लिए एलएमईएल के प्रबंध निदेशक श्री बी. प्रभाकरन द्वारा उन्हें रोजगार प्रदान करने की पहल के कारण संभव हो पाया है।

वर्तमान में, आत्मसमर्पण करने वाले 65 नक्सली एलएमईएल के साथ काम कर रहे हैं। उनमें से 27 प्रशासनिक विभाग में, 29 सिविल/निर्माण विभाग में, और 9 (नौ) मैकेनिकल विभाग में काम करते हैं। उनमें से कई ने अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी और बहुत कम उम्र में नक्सली दल में शामिल हो गए थे, इसलिए उनके पास अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता नहीं थी। हालाँकि, एलएमईएल द्वारा अपनाए गए मानवीय दृष्टिकोण और गढ़चिरौली पुलिस की सिफारिश के कारण, एलएमईएल ने पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रशिक्षित करने और फिर उन्हें उनके कौशल के अनुकूल नौकरियों में शामिल करने का फैसला किया। तदनुसार, उन्हें कोनसरी-स्थित लॉयड्स कौशल विकास और प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण के हर पल का आनंद लिया और बहुत तेजी से कौशल हासिल किया। अब, वे सार्थक जीवन जीने और अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल रखने में सक्षम होने के बारे में बहुत खुश हैं और गौरवान्वित महसूस करते हैं।

एलएमईएल में उनके कौशल ने उनके लिए जो सम्मान अर्जित किया है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे उन्हें जीवन, व्यावसायिकता और गढ़चिरौली के विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण मिला है। ये आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली गढ़चिरौली जिले की विकास यात्रा में बदलाव के महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गए हैं। गढ़चिरौली, जो लंबे समय से औद्योगिक रूप से पिछड़ा हुआ था, उसके भविष्य को यही हाथ रचनात्मक रूप से आकार दे रहे हैं। शुक्रवार को जिन आत्मसमर्पित नक्सलियों का विवाह संपन्न हुआ उनके चेहरों की मुस्कान गढ़चिरौली में एक नई सुबह और उनके जीवन में बढ़ते खुशी सूचकांक की कहानी कह रही थी।

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