देसाईगंज, गढ़चिरौली –
कुछ विपक्षी दल कृषि पंपों के बिजली कनेक्शन के बारे में नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए न केवल कृषि पंपों के लिए पारंपरिक बिजली उपलब्ध कराई है, बल्कि दिन में इस्तेमाल किए जा सकने वाले सौर कृषि पंप भी उपलब्ध कराए हैं।
मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना – किसानों के लिए उज्जवल राह:
सरकार ने सफलतापूर्वक सौर कृषि पंप वितरित किए हैं, जिससे लाखों किसान दिन में बिजली का उपयोग करने में सक्षम हुए हैं।
सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों को स्थायी राहत मिल रही है, जिससे उन्हें पारंपरिक बिजली कनेक्शन में लगने वाले समय, परेशानी और लागत से छुटकारा मिल रहा है। जंगल में जंगली जानवरों, सांपों आदि से किसानों की मौत जैसे कई मुद्दों पर विचार करते हुए यह सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।आरमोरी और आसपास के क्षेत्र के कई किसान इसका लाभ उठा रहे हैं।
मांग राशि और जीएसटी मामले:
कुछ स्थानों पर पारंपरिक कृषि पंपों को जोड़ने के स्थान पर सौर पंपों को मंजूरी दी गई,सरकार ने उन किसानों के लिए सौर पंप लगाने का निर्णय लिया है, जिन्होंने पहले ही मांग का भुगतान कर दिया था।
चूंकि जीएसटी केंद्र सरकार की कर प्रणाली है, इसलिए इसमें कटौती नियमों के अनुसार की जाती है। इस पर राजनीति करने से किसानों के मन में भ्रम पैदा हो रहा है।
अन्य योजनाओं में प्रगति:
प्रधानमंत्री आवास योजना और रमाई घरकुल योजना या घरकुल के लिए कोई अन्य योजना के तहत हजारों परिवारों को उनके हक का घर मिला है। और जिले में इसका काम प्रगति पर है।
किसानों को फसल बीमा, किसान सम्मान निधि, डिजिटल सातबारा, ई-नाम जैसे विभिन्न माध्यमों से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे किसान को तहसील या अन्य किसी सरकारी कार्यालय में जाकर अपना दिनभर का काम और दिहाड़ी मजदूर को तहसील या अन्य किसी अधिकारी के कार्यालय में समय नहीं गंवाना पड़ेगा।
कांग्रेस को गुमराह करना बंद करना चाहिए…
इस बात पर भाजपा के विधि आघाड़ी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट विजय चाटे ने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में न तो बिजली दी, न ही सोलर पंप दिए और अब वह अपनी बनाई योजनाओं की आलोचना करके किसानों की सहानुभूति पाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। जनता अब इसे पहचान चुकी है।
महाराष्ट्र में महायुति सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।