गढ़चिरौली जिले में फर्जी किसान बनकर करोड़ों रुपए का गबन…धान बोनस बांटने में हुआ घोटाला.

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 चामोर्शी नगरसेवक आशीष पिपरे की शिकायतों को शासन, प्रशासन कर रहा है नजरअंदाज..

गढ़चिरौली:गढ़चिरौली जिले में धान उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या बड़ी है और इस वर्ष बोनस वितरण में अनियमितता को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सभी किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया है। उन सभी किसानों के लिए 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस की घोषणा की गई। इसमें भाजपा के सहकार आघाडी जिला अध्यक्ष आशीष पिपरे ने आरोप लगाया था कि चामोर्शी और मुलचेरा तहसील के कुछ धोखेबाज दलालों ने इसका फायदा उठाकर सरकार की योजना को चुना लगाने का काम किया है। हालांकि, मुख्यमंत्री और प्रशासन ने इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, इसलिए संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि सरकार और प्रशासन खुद इस घोटाले में शामिल हैं।

 

मुख्यमंत्री को दी गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि तालुका क्रय विक्रय संघ मर्या चामोर्शी रजिस्टर नंबर 626 के संचालक मंडल एवं सचिव की मिलीभगत से सैकड़ों किसानों के नाम पर करोड़ों रुपए निकाल लिए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक के नाम पर 40 हजार रुपए हैं, ऐसे नागरिकों को किसान दिखाकर, जिनके नाम पर खेत नहीं हैं, कुछ फर्जी व्यक्तियों के नाम पर खेती करने वालों को ठेका किसान दिखाकर, तथा जो छोटे-छोटे जोतदार हैं उनके नाम पर 5 एकड़ खेत दिखाकर, उन किसानों को 1200 रुपए देकर सारा पैसा कुछ दलालों के नाम पर ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया गया है। जिन किसानों के बैंक खातों में बोनस जमा हो गया है। पिपरे ने कहा कि ऐसी ही घटनाएं अन्य तहसीलों में भी हुई हैं। यदि उनके बैंक खाते की जांच की जाए तो पूरा घोटाला उजागर हो जाएगा। ऐसा कहा जाता है। उन्होंने इस संबंध में प्रशासन को कुछ साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं। गढ़चिरौली जिले में विपणन महासंघ के माध्यम से 2023-24 में 33,819 किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया, जिनमें से 85 करोड़ 35 लाख 47 हजार 780 रुपए का बोनस वितरित किया गया। इस बीच, महाराष्ट्र राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल गढ़चिरौली प्रादेशिक प्रभाग ने भी 41 हजार 91 किसानों को 106 करोड़ 41 लाख 40 हजार 520 रुपए, ऐसे कुल मिलाकर 74 हजार 910 किसानों को 191 करोड़ 76 लाख 88 हजार 300 रुपए का बोनस दिया। कई बिचौलियों ने सरकार को बड़े पैमाने पर लूटा है और इसमें तालुका क्रय-विक्रय बोर्ड व सचिव के साथ-साथ कुछ धान व्यापारियों की मिलीभगत से एक बड़ी लॉबी शामिल है। संबंधित तहसीलों के किसानों की ओर से आशीष पिपरे ने मांग की है कि जिले में ऑनलाइन पंजीकृत किसानों की जांच की जाए और मामले की तत्काल गहन जांच की जाए तथा आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

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